19 अक्तू॰ 2009

दीपों से जगमग हो गयी आमी

 आनन्द राय  गोरखपुर:





औद्योगिक इकाइयों के अपजल से प्रदूषित हो चुकी आमी नदी की मुक्ति के लिए अब आस्था के अस्त्र का प्रयोग हो रहा है। आमी बचाओ मंच के आह्वान पर दीपावली की पूर्व संध्या पर तटवर्ती गांवों से एक एक दीप नदी के तट पर जलाये गये। दीपावली के दिन भी यह सिलसिला जारी रहा। अपनों से आहत बिसुरती आमी को फिर से अपनापन मिला और हर तट से आमी की मुक्ति की आवाज उठी।
                दीपावली के पर्व पर घर-घर से दीप आये। सबने आमी नदी के तट पर दीप सजाया और गंगा मइया की जयकारा लगायी। आमी बचाओ मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष विश्र्वविजय सिंह के आह्वान पर दीपावली की पूर्व संध्या से ही यह सिलसिला शुरू हुआ। ऐसा नहीं है कि आमी तट पर घरों से दीप आने का यह पहला वाकया है। पहले देवी देवताओं के दर पर दीप जलाने के बाद लोग आमी के तट पर ही दीप जलाते थे। पर जैसे जैसे आमी गंदी होती गयी यह क्रम बंद हो गया। पिछली मकर संक्रांति से आमी नदी से लोगों की आस्था को जोड़ते हुये इस बार आमी बचाओ मंच ने वर्षो पुराने टूटे हुये रिश्ते को नया आयाम दे दिया। इस आश में कि शायद कभी आमी का पुराना गौरव लौट आए।
                  दीपावली पर गाड़र के पूर्व प्रधान प्रभाकर सिंह, प्रभुनाथ निषाद, विश्र्वनाथ निषाद जैसे कई लोगों ने दीप जलाकर पुरानी रवायत को नये सिरे से शुरू किया तो धनईपुर में अरुण सिंह और विकास सिंह ने भी नदी के तट को दीपों से सजा दिया। भैरोपुर में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष बलवीर सिंह, लाट पहलवान, हरपुर में प्रधान मदनमुरारी गुप्ता, सरसोपार में सत्यवान सिंह, सुरेश सिंह, लालपुर में राजेन्द्र राय, भुसवल में संजय सिंह समेत कई प्रमुख लोगों ने नदी तट पर दीप जलाये। बकौल विश्र्वविजय सिंह यह दीप अंधेरों से लड़ने का प्रतीक है। आस्था से जुड़ा यह दीप आमी की मुक्ति की लौ है। नदी से हमारी आध्यात्मिक और भौतिक दोनों सत्ता जुड़ी हुई है। इसके बिना विकास संभव नहीं है। क्षेत्र और हम सबके विकास के लिए इसकी मुक्ति अनिवार्य है। हमारी लड़ाई परवान चढ़ रही है क्योंकि अब जनता जाग उठी है। गौर करें तो आमी के लिए निरंतर संघर्ष हो रहा है। 4,5 और 6 नवम्बर को कमिश्नर कार्यालय पर आमी तट के लोग डेरा डालो- घेरा डालो आंदोलन करेंगे। इसके लिए 20 अक्टूबर से ही साइकिल यात्रा निकलेगी। इस यात्रा से जो वातावरण बनेगा वह आमी मुक्ति संग्राम का एक अध्याय बनेगा।

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

साईकिल यात्रा के लिए शुभकामनाएँ.

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…

ओह, यह प्रतिबद्धता अच्छी लगी और हाँ, साईकिल यात्रा से समय में एक अच्छी पहल....अग्रिम बधाइयाँ,,,साईकिल यात्रा के लिए अपने समीर लाल जी को आमंत्रित कर दीजिये..आनंद जी.....:)...पूछ के बताएयेगा, मुझे भी बुलाईयेगा .....

Batangad ने कहा…

आमी स्वच्छ सुरक्षित रहे। शुभ दीपावली

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