15 दिस॰ 2011

कॉल डिटेल भी बनेगी फांस


लखनऊ, 7 दिसंबर (जाब्यू) : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ को अहम सुबूत मिल रहे हैं। सीबीआइ ने जिलों में काम करने वाली फर्मो के ठेकेदारों व माननीयों की कॉल डिटेल पर भी नजर टिका दी है। यही कॉल डिटेल उनके गले की फांस बनेगी।

एनआरएचएम घोटाले का मामला प्रकाश में आने के बाद इस्तीफा देने वाले मंत्री सीबीआइ के निशाने पर हैं। सीबीआइ पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा व अनंत मिश्रा उर्फ अंटू मिश्रा के करीबी अधिकारी, सांसद, विधायकों और ठेकेदारों की सूची बना चुकी है। माननीयों, ठेकेदारों व अधिकारियों का मोबाइल नंबर लेकर उसके कॉल डिटेल निकाले जा चुके हैं। कई लोगों के कॉल डिटेल निकालने की प्रक्रिया जारी है। दवा की आपूर्ति करने और निर्माण कार्य में लगे उन दबंग ठेकेदारों का भी ब्योरा तैयार हो रहा है, जिनकी पहंुच सांसद या विधायक के जरिए विभागीय मंत्रियों तक रही है। जौनपुर समेत पूर्वाचल के विभिन्न जिलों में काम करने वाले गुडडू खान और मलिक समेत कई अन्य आपूर्तिकर्ताओं के संबंधों की खास पड़ताल की जा रही है। सीबीआइ वैसे तो सभी जिलों की जांच में जुटी है, लेकिन अभिसूचना संकलन के दौरान पूर्व मंत्री के करीबियों के जो नाम सामने आए हैं, उनकी फर्मो से लेकर आर्थिक साम्राज्य की विशेष जांच हो रही है। सुबूत जुटाने में लगी सीबीआइ निर्माण कार्य और दवा खरीद की गड़बडि़यों के तह तक जाने में लगी है। इस बीच यह भी खबर मिली है कि कई जिलों में दबंगों और प्रभावी लोगों के इशारे पर दस्तावेज भी गायब किए जा रहे हैं। दस्तावेज गायब होने पर गोरखपुर जिले में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराने का मामला प्रकाश में आया है। सीबीआइ का शिकंजा कसता देख कुछ लोग अपने बचाव की पेशबंदी में भी जुट गए हैं।

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