आनन्द राय, गोरखपुर
नेपाल में जाली नोटों के कारोबारी यूनुस अंसारी की गिरफ्तारी के एक माह के अंदर स्पेस टाइम्स समूह के प्रबंध निदेशक जमीम शाह की हत्या से कई सवाल खड़े हो गये हैं। उसकी हत्या के पीछे किसी बड़े षड्यंत्र के कयास लग रहे हैं। यह बात भी सामने आ रही है कि जमीम का खेल खत्म कराने में यूनुस अंसारी ने एक महत्वपूर्ण सूत्रधार की भूमिका निभायी है।
दबी जुबान से यह बात सामने आयी कि नेपाल के पूर्व मंत्री सलीम मियां अंसारी के बेटे यूनुस अंसारी की गिरफ्तारी जमीम शाह की योजना के चलते हुई। अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए यूनुस ने हमेशा जमीम की नकल की और मीडिया के क्षेत्र में उसका वर्चस्व देखकर ही आया इसलिए दोनों के बीच बराबर प्रतिद्वंदिता बनी रही। आईएसआई और दाऊद तक पहंुच बनाने के बाद तो वह जमीम शाह की आंख की किरकिरी बन गया। इसीलिए माना यही जा रहा है कि जमीम ने यूनुस को जेल भिजवाया तो उसने उसकी इस दुनिया से छुट्टी करवाने में खास भूमिका निभायी। ध्यान रहे कि जमीम शाह नेपाल के पूर्व नौकरशाह मोइन शाह का बेटा है। विराटनगर में सबसे पहले रेडियो की शुरूआत करने वाले प्रसन्न मानचिंग प्रधान की बेटी अम्बिका से उसने शादी की। फिर वह मीडिया के क्षेत्र में आ गया। बाद में पाक दूतावास के एक अफसर ने जमीम का सम्बंध दाऊद इब्राहिम से करा दिया। दाऊद ने साढ़े चार करोड़ रुपये की पूंजी लगाकर स्पेस टाइम्स नेटवर्क की शुरूआत करवायी। फिर जमीम का प्रभाव बढ़ता गया और वह काले कारोबार में शामिल होकर अरबों रुपये का मालिक हो गया।
जब दाऊद ने काठमाण्डू में एक बंगला खरीदने की जिम्मेदारी जमीम शाह पर डाली तो पैसों के लिए उसने हाथ खड़े कर दिये। फिर दोनों के बीच तनाव बढ़ गया। तब पाक दूतावास ने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए दोनों का समझौता करवाया। हालांकि समझौते के बाद भी वह दाऊद से डरा हुआ था। उसने दार्जिलिंग में पढ़ रहे अपने बेटे जैकी को काठमाण्डू बुलवा लिया था। उसके पहले जमीम ने ऋत्विक रोशन का इण्टरव्यू अपने अखबार में तोड़ मरोड़ कर छापा और एक भडकाऊ कैसेट बनाकर रोशन विरोधी अभियान शुरू कर दिया। वर्ष 2004 में नेपाल के भारतीय दूतावास ने जमीम की सभी करतूतों का जिक्र करते हुये नकेल कसने के लिए भारत सरकार को एक रिपोर्ट भेजी। तभी आईएसआई ने जमीम के विकल्प के तौर पर यूनुस अंसारी को उभार दिया। भारत के भगोड़े अपराधियों को पनाह देने की वजह से यूनुस का नेटवर्क प्रभावी हो गया। इसीलिए वह दाऊद के लिए महत्वपूर्ण हो गया और जमीम की उपयोगिता कम हो गयी। जमीम के निपटारे में दाऊद की सहमति है या जेल में बंद होने का लाभ उठाने के लिए यूनुस ने खुद अपनी मर्जी से अपनी राह का रोड़ा हटा दिया, इस तरह के कई कयास लग रहे हैं।
छोटा राजन का भी नाम उछला
गोरखपुर : स्पेस टाइम्स नेटवर्क समूह के प्रबंध निदेशक जमीम शाह की हत्या में छोटा राजन के हाथ होने की भी चर्चा तेज हो गयी है। अण्डरवर्ल्ड का एक खेमा इस बात की चर्चा में लगा है कि जमीम की हत्या छोटा राजन ने करवायी है। हालांकि एक दूसरा खेमा इसे उड़ती खबर बता रहा है। अपराध जगत के कुछ जानकारों का कहना है कि जब भी ऐसी वारदात होती तो अण्डरवर्ल्ड में अपनी धमक कायम करने के लिए कुछ माफिया खुद ही अपना नाम प्रचारित करवा देते हैं। इस तरह कई महत्वपूर्ण मसले अफवाहों की भेंट चढ़ जाते हैं और असली गुत्थी सुलझ नहीं पाती है। बहरहाल इस बात की भी चर्चा जोरों पर है कि जमीम की हत्या में छोटा राजन और उसके शूटरों की प्रमुख भूमिका है।माना यह जा रहा है कि बरेली जेल में बंद बबलू श्रीवास्तव ने इसमें सबसे अहम् रोल निभाया है.
1 टिप्पणी:
अच्छी रपट है
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