2 अक्तू॰ 2009

पुलिस के इस कृत्य के ख़िलाफ़ आवाज उठनी चाहिए




मीडिया स्कूल से मुझे झारखंड के पत्रकार विष्णु की मेल फारवर्ड की गयी। विष्णु ने एक बहुत ही ज्वलंत मुद्दा उठाया है। कैसे पुलिस खबरनवीस बनकर अपने शिकार तक पहुँची। इसमे एक स्थानीय पत्रकार की जान भी खतरे में पड़ गयी। इस मसले पर उनका प्रतिरोध मुझे जायज लग रहा है। मेरी आवाज उनकी आवाज में शामिल है। मैं चाहता हूँ पुलिस के इस कृत्य के ख़िलाफ़ आवाज उठनी चाहिए।


"बंगाल पुलिस ने मीडिया के नाम पर विश्वासघात किया आनलाइन हस्ताक्षर द्वारा विरोध अवश्य करें"
-विष्णु राजगढ़िया



पश्चिम बंगाल की सीआइडी पुलिस ने मीडिया के नाम पर विश्वासघात किया है। लालगढ़ आंदोलन के चर्चित नेता छत्रधर महतो को पकड़ने के लिए पुलिस ने पत्रकार का वेश बनाकर 26 सितंबर को ऐसा किया। यह मीडिया के प्रति लोगों के भरोसे की हत्या है। यह मीडिया की स्वायत्तता का अतिक्रमण है। यह बेहद शर्मनाक, आपत्तिजनक एवं अक्षम्य अपराध है। इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। इस संबंध में तत्काल एक स्पष्ट कानून बनना चाहिए। 

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