आनन्द राय, गोरखपुर
मण्डलीय और जिला कारागारों में भी अब पढ़ाई और परीक्षा होगी। कारागार और शिक्षा विभाग ने इसके लिए समन्वय स्थापित कर लिया है और इस योजना को इसी सत्र से अमली जामा पहनाया जायेगा। जेलों में अक्षरों और शब्दों की गूंज से एक नये तरह के माहौल का विकास होगा और निरक्षर कैदियों को साक्षर बनाने की दिशा में कारगर पहल होगी। कारागार महानिरीक्षक और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद की कई चक्रों की वार्ता और बैठक के बाद यह तय हुआ है कि कारागार में निरूद्ध बंदियों को कक्षा 5 व 8 की परीक्षा में सम्मिलित किया जायेगा और उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा। कैदियों को साक्षर बनाये जाने की कार्रवाई के संदर्भ में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे गये पत्र में परीक्षा की व्यवस्था कराये जाने का निर्देश दिया है। ध्यान रहे कि जेल में तो शिक्षक की तैनाती रहती है लेकिन अब तक परीक्षा प्रणाली की कोई व्यवस्था नहीं रही। नयी व्यवस्था के मुताबिक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जेल के बंदियों को कक्षा 5 से 8 तक का पाठ्यक्रम उपलब्ध करायेंगे। यदि किताबें बची रहेंगी तो अनुरोध करने पर नि:शुल्क पुस्तक भी उपलब्ध करायेंगे। इस संदर्भ में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानन्द ने बताया कि कारागार के निकटवर्ती विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपने एक शिक्षक को भेजकर परीक्षा सम्पन्न करायेंगे जबकि नामांकन का दायित्व जेल के शिक्षक का होगा। कैदियों की अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा होगी। बीएसए को उत्तर पुस्तिका और सत्र पुस्तिका उपलब्ध कराने की भी जिम्मेदारी दी गयी है। उन्हें ही कापियों के मूल्यांकन और परीक्षाफल घोषित करने का दायित्व दिया गया है। श्री सर्वदानन्द के मुताबिक यह व्यवस्था इसी सत्र से शुरू होगी। बीएसए ने बताया कि यह व्यवस्था दोनों विभागों के आपसी समन्वय के बाद शुरू की गयी है।
1 टिप्पणी:
बढिया है!!
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