उत्तर प्रदेश में राजनीति और समाज के बीच अब कोई तालमेल नही रह गया है। राजनीति अपने लिए हो रही है और समाज को ठेंगे पर रखा जा रहा है। पर राजनीति बाज हैं की देश सेवा की कसम खाए जा रहे हैं। कोई इनसे पूछे तो सही।
जीने के लिए जान गवावो तो पहले
किसी के लिए ख़ुद को मिटाओ तो पहले
गंगा हजारों तेरे कदमों में गिरेगी
अपने को एक भागीरथ बनाओ तो पहले।
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