
भाजपा गोरखपुर में राज्य स्तरीय कार्यसमिति का उत्सव मना रही है। इनके कुछ अच्छे प्रयास उभरे हैं। पर उत्तर प्रदेश की चिंता में दुबली हुई भाजपा ने झूठ की ऐसी कहानी गढ़ी है जिससे यहाँ के लोग हतप्रभ हैं। भाजपा के प्रवक्ता हृदयनारायण दीछित ने एक पुस्तक से लोगो को हैरत में डाल दिया है। आतंकवाद और रक्तरंजित उत्तरप्रदेश शीर्षक से वितरित की गई इस पुस्तक के प्रेरणा स्रोत डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी और नागेन्द्र नाथ त्रिपाठी हैं। शुरूआत में ही पृष्ठ २ पर १ जनवरी ०८ को रामपुर में सी आर पी ऍफ़ कैम्प पर आतंकी हमले के उल्लेख के साथ कुछ घटनाओं का जिक्र किया गया है। इसमें उत्तर प्रदेश का नक्सा है और जिन जिलों में आतंकी वारदात हुई उनकी चर्चा है। गोरखपुर में १ फरवरी को ५ मिनट के अंतराल पर हुए तीन विस्फोट में आधा दर्जन लोगों के मारे जाने की सूचना दी गई है। इसी पुस्तक के पृष्ठ ४ पर १९ मई को गोरखपुर में बम विस्फोट में १३ लोगों के मरने की सूचना दी गई है। असल में गोरखपुर में २२ मई 2007 को तीन विस्फोट हुए थे जिसमें कई लोग घायल हुए लेकिन कोई मौत नही हुई। इसके पहले २६ जनवरी १९९३ को मेनका टाकिज में हुए विस्फोट में २ की जान गई थी। या तो भाजपा ने हडबडी में ये तथ्य जुटाए या फ़िर यह उनकी किसी योजना का हिस्सा है। चूँकि गोरखपुर में पार्टी के शीर्ष नेता जुटे हैं। गोरखपुर के लोगयह पूछना चाहते हैं की आख़िर यह घटना कब घटी । वैसेसम्मेलन में पार्टी के प्रदेश अध्याछ रमापति राम त्रिपाठी ने कह दिया है की जब तक सरकार नही बन जाती tab तक n विश्राम n aaraam। त्रिपाठी जी सरकार मुबारक हो।
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