दीक्षा
चुप रहना बेहद खतरनाक है। दीक्षा एक ऐसा मंच है जहाँ चुप्पी टूटती है।
1 मार्च 2008
चिंगारी लाओ
इस नदी की धार से ठंडी हवा आती तो है
नाव
जर्जर ही सही लहरों से टकराती तो है
एक चिंगारी कहीं से ढूंढ लाओ दोस्तों
इस दिए में तेल से भीगी हुई
बाती
तो है
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